Diploma Civil Engineering me Kitne Subject Hote hai: दोस्तों, इस लेख में हम आपको डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट्स और इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। सबसे पहले आपको बता दें कि सिविल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप इमारतों, पुलों, सड़कों और अन्य संरचनाओं का निर्माण करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण और प्रचलित क्षेत्र है, जिसमें हर प्रकार के निर्माण कार्य का अध्ययन किया जाता है। डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि 3 साल होती है, जिसमें कुल 6 सेमेस्टर होते हैं। हर सेमेस्टर में अनिवार्य विषयों के साथ कुछ इलेक्टिव विषय भी होते हैं।
डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए हाई स्कूल में विज्ञान (साइंस) विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक होने चाहिए।
कॉलेज का चयन
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा आप सरकारी या निजी दोनों प्रकार के कॉलेजों से कोर्स कर सकते हैं।
सरकारी कॉलेज: सरकारी कॉलेजों से डिप्लोमा करने के लिए आपको राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा जैसे JEECUP (उत्तर प्रदेश), DCECE (बिहार), CET Delhi (दिल्ली), JEXPO (पश्चिम बंगाल) में शामिल होना होगा। इस परीक्षा में प्राप्त रैंक के आधार पर आपको सरकारी कॉलेज में प्रवेश मिलता है। यदि आपकी रैंक सरकारी कॉलेज के लिए पर्याप्त नहीं है, तो काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से आपको निजी कॉलेज में प्रवेश दिलाया जा सकता है। सरकारी कॉलेज की फीस निजी कॉलेजों की तुलना में कम होती है।
प्राइवेट कॉलेज: यदि आप प्राइवेट कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करना चाहते हैं, तो आप सीधे प्रवेश (Direct Admission) ले सकते हैं। लेकिन, निजी कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले यह जांचना महत्वपूर्ण है कि उस कॉलेज की प्रतिष्ठा कैसी है और वहां की पढ़ाई का स्तर कैसा है। इसके लिए आप किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह ले सकते हैं जो कॉलेज के बारे में अच्छी जानकारी रखता हो।
डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग की फीस
सरकारी कॉलेजों में डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग की फीस 18 हजार से 35 हजार प्रतिवर्ष होती है जबकि प्राइवेट कॉलेजों में 20 से 50 हजार प्रतिवर्ष हो सकती है यह कॉलेज के प्रतिष्ठा अन्य सुविधाओं पर निर्भर करती है।
Diploma Civil Engineering Me Kon Kon se Subject Hote Hai
डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग की अवधि 3 साल की होती है, जिसमें कुल 6 सेमेस्टर होते हैं। इस दौरान छात्रों को विभिन्न विषयों का अध्ययन कराया जाता है। सेमेस्टर वाइज विषयों की सूची नीचे दी गई है।
Semester I
- अप्लाइड मैथमेटिक्स – I (Applied Mathematics – I)
- अप्लाइड फिजिक्स – I (Applied Physics – I)
- अप्लाइड केमेस्ट्री (Applied Chemistry)
- इंजीनियरिंग ड्राइंग – I (Engineering Drawing – I)
- कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स (Construction Materials)
- कम्युनिकेशन स्किल्स – I (Communication Skills – I)
- जनरल वर्कशॉप प्रैक्टिस – I (General Workshop Practice – I)
Semester II
- अप्लाइड मैथमेटिक्स – II (Applied Mathematics – II)
- कंप्यूटर एडेड ड्राइंग (Computer Aided Drawing)
- अप्लाइड मैकेनिक्स(Applied Mechanics)
- बेसिक्स ऑफ़ मेकैनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Basics of Mechanical and Electrical Engineering)
- बेसिक्स ऑफ़ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (Basics of Information Technology)
- जनरल वर्कशॉप प्रैक्टिस – II (General Workshop Practice – II)
Semester III
- हाइड्रॉलिक्स एंड हाइड्रॉलिक मशीनें (Hydraulics and Hydraulic Machines)
- कंक्रीट टेक्नोलॉजी (Concrete Technology)
- एनवायरनमेंटल स्टडीज (Environmental Studies)
- स्ट्रक्चरल मेकैनिक्स (Structural Mechanics)
- बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन (Building Construction)
- बिल्डिंग ड्राइंग (Building Drawings)
Semester IV
- कम्युनिकेशन स्किल्स – II (Communication Skills – II)
- हाईवे इंजीनियरिंग (Highway Engineering)
- सिंचाई इंजीनियरिंग (Irrigation Engineering)
- सर्वेइंग – I (Surveying – I)
- आरसीसी स्ट्रक्चर्स (Reinforced Cement Concrete Structures)
- एनर्जी कंजर्वेशन (Energy Conservation)
- आरसीसी ड्राइंग (RCC Drawing)
Semester V
- जल और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग (Water and Waste Water Engineering)
- रेलवे, पुल और सुरंगें (Railways, Bridges, and Tunnels)
- भूकंप इंजीनियरिंग (Earthquake Engineering)
- सोइल मेकैनिक्स एंड फाउंडेशन इंजीनियरिंग (Soil Mechanics and Foundation Engineering)
- सर्वेइंग – II (Surveying – II)
- अपशिष्ट जल और सिंचाई इंजीनियरिंग ड्राइंग (Waste Water and Irrigation Engineering Drawing)
- यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़ (Universal Human Values)
Semester VI
- सर्वे कैंप (Survey Camp)
- क्वांटिटी सर्वेइंग एंड वैल्यूएशन (Quantity Surveying and Valuation)
- कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, अकाउंट्स एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (Construction Management, Accounts and Entrepreneurship Development)
- डिजाइन ऑफ स्टील स्ट्रक्चर्स (Design of Steel Structures)
- स्टील स्ट्रक्चर ड्राइंग (Steel Structure Drawing)
- सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस इन सिविल इंजीनियरिंग (Software Applications in Civil Engineering)
- वैकल्पिक विषय (Elective) (मरम्मत और रखरखाव, प्लंबिंग सेवाएँ, संरचनाओं का विश्लेषण)
- प्रोजेक्ट कार्य (Project Work)
डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में विभिन्न सेमेस्टरों में अलग-अलग विषय होते हैं। हालांकि, कुछ कॉलेजों और संस्थानों में विषयों में भिन्नता हो सकती है। इसलिए, संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट या सिलेबस की जांच करना उचित होगा।
सिविल इंजीनियरिंग के बाद करियर के अवसर
डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के बाद करियर के कई अवसर उपलब्ध होते हैं। आप सरकारी विभागों, कंस्ट्रक्शन कंपनियों, प्राइवेट फर्म्स और इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनियों में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, रेलवे, PWD, नगर निगम और अन्य सरकारी उपक्रमों में भी नौकरी पा सकते हैं। आप अपनी विशेषज्ञता के अनुसार साइट इंजीनियर, सर्वेयर, स्ट्रक्चरल डिजाइनर या प्रोजेक्ट मैनेजर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।
FAQs – Diploma Civil Engineering Me Kitne Subject Hote Hai
Question : Diploma Civil Engineering में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
Answer – Diploma Civil Engineering में सेमेस्टर वाइज कई विषय होते हैं कुछ मुख्य विषय इस प्रकार हैं – अप्लाइड मैथमेटिक्स, अप्लाइड फिजिक्स, अप्लाइड केमेस्ट्री, इंजीनियरिंग ड्राइंग, सर्वेइंग, हाइड्रॉलिक्स, कंक्रीट टेक्नोलॉजी, आरसीसी स्ट्रक्चर, सोइल मेकैनिक्स, कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, डिजाइन ऑफ स्टील स्ट्रक्चर, जल और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट कार्य।
Question : डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग में क्या-क्या बन सकते हैं?
Answer – डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के बाद आप सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, साइट इंजीनियर, प्लानर, ड्राफ्ट्समैन, रूटीन मेंटेनेंस इंजीनियर, हाइड्रोलिक इंजीनियर, रिसर्च एसोसिएट, फ्रीलांस कंसल्टेंट, शिक्षक/प्रोफेसर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
दोस्तों, इस लेख में हम आपको diploma civil engineering me kitne subject hote hai, इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है। यदि आपके पास विषयों से संबंधित कोई प्रश्न है, तो कृपया हमें कमेंट करके जरूर पूछें। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके। हमारे इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!