पॉलिटेक्निक में कितने सब्जेक्ट होतें हैं | Polytechnic me Kitne Subject Hote hai

Polytechnic me Kitne Subject Hote hai: पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है, जिसमें इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े अलग-अलग पाठ्यक्रम शामिल हैं। हर साल बड़ी संख्या में छात्र पॉलिटेक्निक के माध्यम से डिप्लोमा कोर्स करते हैं। डिप्लोमा के बाद छात्रों के पास करियर की कई संभावनाएं होती है। वह अपनी फील्ड के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।

यदि आप भी पॉलिटेक्निक करने की सोच रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको पॉलिटेक्निक में क्या-क्या होता है, कौन-कौन से विषय होते हैं, इसके लिए कितनी योग्यता होनी चाहिए, फीस कितनी होती है, किस कॉलेज से करना बेहतर होगा, कौन-सी ब्रांच चुनें आदि की जानकारी देंगे ताकि आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी डाउट ना रहें।

पॉलिटेक्निक के लिए योग्यता

पॉलिटेक्निक करने के लिए आपको 10वीं कक्षा विज्ञान विषय से उत्तीर्ण होनी आवश्यक है। 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक 3 साल का होता है, जबकि 12वीं कक्षा के बाद यह कोर्स 2 साल का होता है, जिसमें आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्य विषयों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

कॉलेज का चयन

पॉलिटेक्निक कोर्स करने के लिए एक अच्छे कॉलेज का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है। आप सरकारी व प्राइवेट कॉलेज से यह कोर्स कर सकते हैं।

सरकारी कॉलेज: सरकारी कॉलेज से पॉलिटेक्निक करने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित होती हैं। आप अपने राज्य के अनुसार पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षाएं दे सकते हैं जैसे- DCECE (बिहार), JEECUP (उत्तर प्रदेश), JEXPO (पश्चिम बंगाल), CET Delhi (दिल्ली)।

प्राइवेट कॉलेज: प्राइवेट कॉलेज से पॉलिटेक्निक करने के लिए आपको किसी भी तरह की प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होती है। आप यहां पर डायरेक्ट एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि, कुछ कॉलेज व यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा आयोजित करती हैं, लेकिन अधिकतर कॉलेजों में 10वीं व 12वीं के अंकों के आधार पर ही दाखिला मिल जाता है।

इसके अलावा, यदि आपने सरकारी कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा दी है और आपकी रैंक सरकारी कॉलेज के लिए पर्याप्त नहीं है, तो आपको आपकी रैंक के अनुसार काउंसिलिंग के जरिए प्राइवेट कॉलेज प्रोवाइड कराया जाता है। जहां पर डायरेक्ट एडमिशन के मुकाबले फीस कम लगती है, लेकिन इसमें यह सुनिश्चित नहीं है कि आपको आपकी पसंद की ही ब्रांच ही मिले।

पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस

सरकारी कॉलेज: सरकारी कॉलेज में पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस 12,000 से 30,000 रुपए प्रति वर्ष हो सकती है।

प्राइवेट कॉलेज: प्राइवेट कॉलेज की फीस सरकारी कॉलेज के मुकाबले अधिक होती है। यहां पर आपको 40,000 से 1,50,000 रुपए फीस प्रति वर्ष देनी पड़ सकती है। यह कॉलेज की प्रतिष्ठा और सुविधाओं पर निर्भर करता है।

Polytechnic Me Kon Kon Se Subject Hote Hai

पॉलिटेक्निक में कितने सब्जेक्ट होते हैं, अक्सर छात्रों के मन में यह प्रश्न आता है। आपको बता दें कि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में कई ब्रांच होती हैं, जिसमें अलग-अलग सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं। कुछ लोकप्रिय ब्रांच इस प्रकार हैं- मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी।

पहले साल सभी ब्रांच में कॉमन सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं, कुछ कॉमन सब्जेक्ट इस प्रकार हैं-

  • मैथमेटिक्स (Mathematics)
  • फिजिक्स (Physics)
  • केमिस्ट्री (Chemistry)
  • कम्युनिकेशन स्किल इन इंग्लिश (Communication Skill in English)
  • इंजीनियरिंग ग्राफिक्स (Engineering Graphics)
  • इंजीनियरिंग वर्कशॉप प्रैक्टिस (Engineering Workshop Practice)
  • स्पोर्ट्स एंड योगा (Sports and Yoga)
  • इंट्रोडक्शन टू आईटी सिस्टम्स (Introduction to IT Systems)
  • फंडामेंटल्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (Fundamentals of Electrical and Electronics Engineering)
  • इंजीनियरिंग मेकैनिक्स (Engineering Mechanics)
  • एनवायरनमेंटल साइंसेज (Environmental Sciences)

दूसरे साल छात्रों को उनकी ब्रांच के अनुसार कोर सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं कुछ कोर सब्जेक्ट इस प्रकार हैं-

मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME)

  • थर्मल इंजीनियरिंग (Thermal Engineering)
  • सॉयल मैकेनिक्स एंड फाउंडेशन इंजीनियरिंग (Soil Mechanics and Foundation Engineering)
  • हाइड्रॉलिक्स और पन्युमेटिक्स (Hydraulics and Pneumatics)
  • सीएनसी मशीन और ऑटोमेशन (CNC Machines and Automation)
  • प्रोडक्शन मैनेजमेंट (Production Management)

सिविल इंजीनियरिंग (CE)

  • हाइड्रोलिक्स और हाइड्रोलिक मशीन (Hydraulics and Hydraulic Machines)
  • स्ट्रक्चरल मैकेनिक्स (Structural Mechanics)
  • आरसीसी स्ट्रक्चर्स (Reinforced Cement Concrete Structures – RCC Structures)
  • क्वांटिटी सर्वेइंग और वैल्यूएशन (Quantity Surveying and Valuation)
  • कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (Construction Management and Entrepreneurship Development)

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE)

  • डेटा स्ट्रक्चर यूजिंग सी (Data Structure Using C)
  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System – DBMS)
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (Software Engineering)
  • एंड्रॉइड एप्लिकेशन डिवेलपमेंट (Development of Android Applications)
  • डेटा साइंस और मशीन लर्निंग (Data Science and Machine Learning)

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE)

  • डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स (Digital Electronics)
  • माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर (Microprocessor and Microcontroller)
  • ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन (Optical Fiber Communication)
  • वायरलेस और मोबाइल कम्युनिकेशन सिस्टम (Wireless and Mobile Communication System)
  • माइक्रोवेव इंजीनियरिंग (Microwave Engineering)

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE)

  • इलेक्ट्रिकल इंस्ट्रूमेंटेशन और मापन (Electrical Instrumentation and Measurement)
  • पावर प्लांट इंजीनियरिंग (Power Plant Engineering)
  • स्विचगियर और प्रोटेक्शन (Switchgear and Protection)
  • पीएलसी, माइक्रोकंट्रोलर और एससीएडीए (PLC, Microcontroller, and SCADA)
  • इलेक्ट्रिकल डिजाइन और ड्रॉइंग (Electrical Design and Drawing)

इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)

  • इंटरनेट और वेब टेक्नोलॉजी (Internet and Web Technology)
  • ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग (E-Commerce and Digital Marketing)
  • पायथन प्रोग्रामिंग (Python Programming)
  • क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing)
  • बिग डेटा (Big Data)

पॉलिटेक्निक के बाद करियर की संभावनाएं

पॉलिटेक्निक के बाद आपके पास करियर के कई ऑप्शन होते हैं। आप अपने फील्ड के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। नीचे हमने आपको अलग-अलग ब्रांच में करियर के कौन-कौन से विकल्प होते हैं इसकी जानकारी दी है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग: इस क्षेत्र में डिप्लोमा करने के बाद छात्र मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल और पावर प्लांट जैसे क्षेत्र में जा सकते हैं। जहां पर प्रोडक्शन इंजीनियर, ड्राफ्ट्समैन, मशीन ऑपरेटर और मेंटिनेस इंजीनियर जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, रेलवे, ISRO और PSUs जैसे BHEL, ONGC, NTPC आदि सरकारी संस्थानों में जा सकते हैं।

सिविल इंजीनियरिंग: यदि आपने पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है, तो आप कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर और गवर्नमेंट प्रोजेक्ट जैसे क्षेत्रों में आपना करियर बना सकते हैं। इन क्षेत्रों में आप जूनियर इंजीनियर, साइट इंजीनियर, ड्राफ्ट्समैन और बिल्डिंग इंस्पेक्टर जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकारी क्षेत्र जैसे PWD, नगर निगम, रेलवे और डिफेंस में भी करियर के ढेर सारे विकल्प उपलब्ध होते हैं।

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद छात्रों के पास हार्डवेयर मेंटेनेंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और नेटवर्किंग जैसे क्षेत्र में जा सकते हैं। जहां पर सॉफ्टवेयर टेक्नीशियन, वेब डेवलपर, आईटी सपोर्ट स्पेशलिस्ट और डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: इस क्षेत्र में डिप्लोमा करने के बाद छात्रों के पास करियर के कई विकल्प होते हैं। छात्र इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, टेलीकॉम और रिसर्च जैसे क्षेत्र में जा सकते हैं। जहां पर वे नेटवर्क टेक्नीशियन, और सर्विस इंजीनियर जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसरो बीएसएनएल और रेलवे जैसे सरकारी संस्थानों में भी करियर के कई अवसर उपलब्ध होते हैं।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद छात्र इलेक्ट्रिकल मैन्युफैक्चरिंग, पावर प्लांट और ट्रांसमिशन जैसे कई क्षेत्रों में जा सकते हैं। जहां पर वे पावर प्लांट टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर और इलेक्ट्रिकल ड्राफ्ट्समैन जैसे कई पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकारी संस्थान जैसे बिजली विभाग, एनटीपीसी, रेलवे आदि में भी करियर के कई अवसर होते हैं।

इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी: इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा करने के बाद छात्रों के पास करियर के कई ऑप्शन होते हैं। छात्र नेटवर्किंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन और साइबर सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं। इन क्षेत्रों में आप नेटवर्क इंजीनियर, डेवलपर, आईपी सपोर्ट स्पेशलिस्ट और साइबर सुरक्षा जैसे विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं।

FAQs – Polytechnic Me Kitne Subject Hote Hai

Question : Polytechnic में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

Answer – पॉलिटेक्निक में आपको आपने ब्रांच के अनुसार सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं। हालांकि, पहले साल सभी ब्रांच में कॉमन सब्जेक्ट होते हैं जो इस प्रकार हैं– मैथमेटिक्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री, कम्युनिकेशन स्किल इन इंग्लिश, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, इंजीनियरिंग वर्कशॉप प्रैक्टिस, स्पोर्ट्स एंड योगा, इंट्रोडक्शन टू आईटी सिस्टम्स, फंडामेंटल्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग मेकैनिक्स, एनवायरनमेंटल साइंसेज।

Question : पॉलिटेक्निक के बाद क्या-क्या बन सकते हैं ?

Answer – पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा करने के बाद आप अपने ब्रांच के अनुसार जूनियर इंजीनियर, साइट इंजीनियर, प्रोडक्शन इंजीनियर, टेक्नीशियन टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर ड्राफ्ट्समैन आदि बन सकते हैं।

निष्कर्ष :

पॉलिटेक्निक एक लोकप्रिय कोर्स है, जिसे हर साल बड़ी संख्या में छात्र करते हैं। इस कोर्स के माध्यम से इंजीनियरिंग की अलग-अलग शाखाओं में डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाता है। हमने इस लेख में आपको Polytechnic me Kitne Subject Hote hai, इसकी जानकारी दी है। यदि आपको इससे संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी या कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट के जरिए अवश्य पूछें। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के भी साथ शेयर करें ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके।

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