इस लेख में हम आपको Mechanical Engineering me Kitne Subject Hote hai, इसकी जानकारी देने वाले हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक चार साल का कोर्स है, जिसमें आपको बीटेक यानी बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री मिलती है। इस कोर्स के दौरान आपको कई महत्वपूर्ण विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे थर्मोडायनामिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स एंड फ्लूइड मशीन्स, स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल, मशीन डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस आदि।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरा करने के बाद आपके पास करियर के कई विकल्प होते हैं। आप मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जा सकते हैं। इसके अलावा, PSUs जैसे NTPC, DRDO, GAIL, SAIL, BHEL और ONGC जैसी प्रमुख सरकारी संस्थानों में भी काम करने का विकल्प होता है। आइए, इंजीनियरिंग के इस महत्वपूर्ण शाखा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषयों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
कॉलेज का चयन
सरकारी कॉलेज : सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के लिए प्रवेश परीक्षा देनी की आवश्यकता होती है, जो राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तर पर आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर IIT JEE Main, IIT Advanced जैसी परीक्षाएं होती हैं, जबकि राज्य स्तर पर UPSEE, MHT-CET, WBJEE, COMEDK UGET जैसी प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर आपको दाखिला मिलता है।
प्राइवेट कॉलेज : प्राइवेट कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए किसी भी प्रकार की प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं, लेकिन अधिकतर कॉलेजों में डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। इसके अलावा, यदि आपने सरकारी कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा दी है और आपकी रैंक सरकारी कॉलेज के लिए प्राप्त नहीं है, तो आपको आपकी रैंक के अनुसार काउंसलिंग के माध्यम से प्राइवेट कॉलेज मुहैया कराया जाता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फीस कितनी होती है
सरकारी कॉलेज : राज्य स्तर पर सरकारी कॉलेजों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फीस 20,000 से 1,00,000 रूपए प्रति वर्ष होती है, जबकि IIT/NIT की फीस सालाना 2 से 3 लाख रूपए तक हो सकती है।
प्राइवेट कॉलेज : प्राइवेट कॉलेजों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फीस कॉलेज की प्रतिष्ठा और अन्य सुविधाओं पर निर्भर करती है। अमूमन, एक प्राइवेट कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फीस 1 लाख रूपए या इससे अधिक हो सकती है। हालांकि, यदि आपने प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन लिया है, तो आपको स्कॉलरशिप का लाभ मिल सकता है।
Mechanical Engineering Me Kon-Kon se subject hote hai
आमतौर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कई विषय होते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं–
- थर्मोडायनामिक्स (Thermodynamics)
- फ्लूइड मैकेनिक्स एंड फ्लूइड मशीन्स (Fluid Mechanics and Fluid Machines)
- स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल (Strength of Material)
- हीट एंड मास ट्रांसफर (Heat and Mass Transfer)
- मशीन डिजाइन (Machine Design)
- थ्योरी ऑफ मशीन्स (Theory of Machines)
- एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स (Applied Thermodynamics)
- मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस (Manufacturing Processes)
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (Industrial Engineering)
- रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग (Refrigeration and Air Conditioning)
सेमेस्टर वाइज सब्जेक्ट
जैसाकि हमने आपको बताया मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक 4 साल का डिग्री कोर्स है, जिसमें आपको बीटेक यानी बैचलर आफ टेक्नोलॉजी की डिग्री मिलती है। इसमें कुल 8 सेमेस्टर होते हैं विभिन्न सेमेस्टर में आपको अलग-अलग विषय पढ़ने होते हैं।
Semester I
- फिजिक्स (Physics)
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स I (Engineering Mathematics I)
- फंडामेंटल्स ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Fundamentals of Electrical Engineering)
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
- एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी (Environment and Ecology)
Semester II
- केमिस्ट्री (Chemistry)
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स II (Engineering Mathematics II)
- फंडामेंटल का इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग (fundamentals of Electronics Engineering)
- प्रोग्रामिंग फॉर प्रॉब्लम सॉल्विंग (Programming for Problem Solving)
- सॉफ्ट स्किल्स (Soft Skills)
Semester III
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स III (Engineering Mathematics III)
- थर्मोडायनामिक्स (Thermodynamics)
- फ्लूइड मैकेनिक्स एंड फ्लूइड मशीन्स (Fluid Mechanics and Fluid Machines)
- मटेरियल्स इंजीनियरिंग (Materials Engineering)
- यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज एंड प्रोफेशनल एथिक्स (Universal Human Values and Professional Ethics)
Semester IV
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स IV (Engineering Mathematics IV)
- टेक्निकल कम्युनिकेशन (Technical Communication)
- एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स (Applied Thermodynamics)
- इंजीनियरिंग मैकेनिक्स एंड स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल्स (Engineering Mechanics and Strength of Materials)
- मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस (Manufacturing Processes)
Semester V
- हीट एंड मास ट्रांसफर (Heat and Mass Transfer)
- स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल (Strength of Material)
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (Industrial Engineering)
- इलेक्टिव I (Elective I)
- इलेक्टिव II (Elective II)
Semester VI
- रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग (Refrigeration and Air Conditioning)
- मशीन डिजाइन (Machine Design)
- थ्योरी ऑफ मशीन्स (Theory of Machines)
- इलेक्टिव III (Elective III)
- ओपन इलेक्टिव I (Open Elective I)
Semester VII
- एचएसएमसी-I (HSMC-I)
- डिपार्टमेंटल इलेक्टिव IV (Departmental Elective IV)
- डिपार्टमेंटल इलेक्टिव V (Departmental Elective V)
- ओपन इलेक्टिव II (Open Elective II)
Semester VIII
- एचएसएमसी-II (HSMC-II)
- ओपन इलेक्टिव III (Open Elective III)
- ओपन इलेक्टिव IV (Open Elective IV)
नोट: विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भिन्नता हो सकती है। इसलिए आपको अपने संस्थान के आधिकारिक वेबसाइट पर पाठ्यक्रम देखना उचित रहेगा।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद करियर
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद छात्रों के पास करियर के कई संभावनाएं होती हैं छात्र मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री एयरोस्पेस ऑटोमोबाइल ऑटोमेशन एनर्जी और रिसर्च के क्षेत्र में जा सकते हैं इन क्षेत्रों में छात्र सीएनसी प्रोग्रामर मेंटिनेस इंजीनियरिंग प्रोडक्शन इंजीनियरिंग क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर रिसर्च और डेवलपमेंट इंजीनियर ऑटोमेशन इंजीनियर फायर प्रोटक्शन इंजीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर और टेस्टिंग इंजीनियर से विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं।
इसके अलावा, छात्रों के पास सरकारी नौकरियों के भी विकल्प होते हैं, जिनमें भारतीय रेलवे, एनटीपीसी, डीआरडीओ, गेल, सेल, भेल, ओएनजीसी जैसे प्रमुख सरकारी संस्थानों में काम करने के अवसर होते हैं। इन संस्थानों में नौकरी पाने के लिए छात्रों को GATE या अन्य संबंधित परीक्षाएं देनी होती हैं, और इन परीक्षाओं के माध्यम से चयनित होकर छात्र इन संस्थानों में इंजीनियरिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिसर्च और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
FAQs – Mechanical Engineering Me Kitne Subject Hote Hai
Question : Mechanical Engineering में कितने Subject होते हैं?
Answer – आपको बता दें की Mechanical Engineering में कई Subject होते हैं, लेकिन कुछ मुख्य सब्जेक्ट है जो इस प्रकार हैं – थर्मोडायनामिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स एंड फ्लूइड मशीन्स, स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल,हीट एंड मास ट्रांसफर,मशीन डिजाइन,थ्योरी ऑफ मशीन्स,एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग।
Question : Mechanical Engineering में Elective Subject का चुनाव करना जरूरी होता है क्या?
Answer – मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कुल 8 सेमेस्टर होते हैं, कुछ समेस्टर में आपको Elective Subject का चुनाव करना पड़ सकता है।
Question : मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद क्या-क्या बन सकते हैं?
Answer – मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद छात्र मैकेनिकल इंजीनियर, मशीन डिजाइन इंजीनियर, थर्मल इंजीनियर, प्रोडक्शन इंजीनियर, मेंटिनेंस इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंजीनियर, ऑटोमेशन इंजीनियर, एयरोस्पेस इंजीनियर और फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर आदि बन सकते हैं।
निष्कर्ष :
मैकेनिकल इंजीनियरिंग को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख शाखा माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेते हैं। हमने आपको इस लेख में Mechanical Engineering me Kitne Subject Hote hai, इसकी जानकारी दी है। यदि आपके पास इससे संबंधित कोई भी सुझाव या प्रश्न हो तो हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य पूछें। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें, ताकि उन्हें भी इसकी जानकारी मिल सके। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं, जहां पर आपको विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों की जानकारियां प्राप्त होंगी।