दोस्तों, आज हम आपको Electrical Engineering Me Kitne Subject Hote hai, इसकी जानकारी देने वाले हैं। इससे पहले आपको बता दें कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें छात्र बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण का अध्ययन करते हैं। इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण विषय होते हैं, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE) के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषयों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
कॉलेज का चयन
सरकारी कॉलेज: सरकारी कॉलेज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर IIT JEE Main, IIT Advanced और राज्य स्तर पर UPSEE, COMEDK UGET WBJEE, MHT-CET, जैसी प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। इन परीक्षाओं में आपकी रैंक के आधार पर आपको कॉलेज प्रोवाइड कराया जाता है।
प्राइवेट कॉलेज: प्राइवेट कॉलेज में आमतौर पर एडमिशन लेने के लिए कोई एंट्रेंस एग्जाम नहीं होता। यहां पर आपको डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। हालांकि, कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू दाखिला देती हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की फीस कितनी होती है
सरकारी कॉलेज: राज्य स्तर पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की फीस 20,000 से 1,00,000 रूपए के बीच होती है। कुछ प्रतिष्ठित संस्थान जैसे IIT और NIT की फीस अधिक होती है जो 2-3 लाख रुपए प्रति वर्ष हो सकती है।
प्राइवेट कॉलेज: प्राइवेट कॉलेज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की फीस कॉलेज की प्रतिष्ठा और सुविधाओं पर निर्भर करती है। आमतौर पर प्राइवेट कॉलेजों में फीस 1 लाख रूपए से अधिक होती है।
Electrical Engineering Me Kon Kon se Subject Hote Hai
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में आमतौर पर कई विषय होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- इलेक्ट्रिकल सर्किट थ्योरी
- पावर सिस्टम
- इलेक्ट्रिकल मशीनस
- कंट्रोल सिस्टम
- एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स
- पावर इलेक्ट्रॉनिक
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
- इलेक्ट्रिकल मेजरमेंट एंड इंस्ट्रुमेंटेशन
- हाई वोल्टेज इंजीनियरिंग
- माइक्रोप्रोसेसर्स एंड माइक्रोकंट्रोलर्स
- रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स
- इलेक्ट्रिकल ड्राइव्स एंड कंट्रोल
- स्विचगियर एंड प्रोटेक्शन
- सिग्नल्स एंड सिस्टम्स
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सेमेस्टर वाइज सब्जेक्ट
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स 4 साल का होता है, जिसमें आपको बी. टेक यानी बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री मिलती है। इसमें कुल मिलाकर 8 सेमेस्टर होते हैं। पहले साल में सभी ब्रांच के लिए कॉमन सब्जेक्ट होते हैं। इसके बाद कोर सब्जेक्ट आते हैं। इसके अलावा, कुछ इलेक्टिव सब्जेक्ट भी होते है जिसका चुनाव कॉलेज और संस्थान अपने नियम के अनुसार करते हैं।
Semester I
- इंजीनियरिंग फिजिक्स
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स-I
- फंडामेंटल्स ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- फंडामेंटल्स ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी
Semester II
- इंजीनियरिंग केमिस्ट्री
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स-II
- फंडामेंटल्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग /
- प्रोग्रामिंग फॉर प्रॉब्लम सॉल्विंग
- सॉफ्ट स्किल्स
Semester III
- एनालॉग डिवाइस एंड इलेक्ट्रॉनिक सर्किट (Analog Devices & Electronic Circuits)
- टेक्निकल कम्युनिकेशन (Technical Communication)
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड थिअरी (Electromagnetic Field Theory)
- इलेक्ट्रिकल मेजरमेंट्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन (Electrical Measurements & Instrumentation)
- बेसिक सिग्नल एंड सिस्टम (Basic Signals & Systems)
- साइबर सिक्योरिटी/ (Cyber Security)
Semester IV
- मैथमेटिक्स-IV (Maths-IV)
- यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज (Universal Human Values)
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स (Digital Electronics)
- इलेक्ट्रिकल मशीन-I (Electrical Machines-I)
- नेटवर्क एनालिसिस एंड सिंथेसिस (Networks Analysis & Synthesis)
- एनवायरमेंटल साइंस (Environmental Science)
Semester V
- पावर सिस्टम-I (Power System-I)
- कंट्रोल सिस्टम (Control System)
- इलेक्ट्रिकल मशीन-II (Electrical Machines-II)
- विभागीय वैकल्पिक-I (Departmental Elective-I)
- विभागीय वैकल्पिक-II (Departmental Elective-II)
- भारतीय संविधान, कानून और अभियांत्रिकी (Constitution of India, Law and Engineering)
Semester VI
- पावर सिस्टम-II (Power System-II)
- माइक्रोप्रोसेसर एंड माइक्रोकंट्रोलर (Microprocessor and Microcontroller)
- पावर इलेक्ट्रॉनिक्स (Power Electronics)
- विभागीय वैकल्पिक-III (Departmental Elective-III)
- खुला वैकल्पिक-I (Open Elective-I)
- भारतीय परंपरा, संस्कृति और समाज (Indian Tradition, Culture and Society)
Semester VII
- मानविकी और सामाजिक विज्ञान प्रबंधन (HSMC-1 / HSMC-2)
- विभागीय वैकल्पिक-IV (Departmental Elective-IV)
- विभागीय वैकल्पिक-V (Departmental Elective-V)
- ओपन इलेक्टिव-II (Open Elective-II)
Semester VIII
- मानविकी और सामाजिक विज्ञान प्रबंधन (HSMC-2 / HSMC-1)
- ओपन इलेक्टिव-III (Open Elective-III)
- ओपन इलेक्टिव-IV (Open Elective-IV)
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में अलग-अलग सेमेस्टर में अलग-अलग विषय होते हैं। कुछ कॉलेज और संस्थानों के विषयों में भिन्नता हो सकती है। इसलिए, संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट या पाठ्यक्रम की जांच करना उचित होगा।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद करियर
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद छात्रों के पास करियर की कई संभावनाएं होती हैं। छात्र पावर जेनरेशन और ट्रांसमिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स टेलीकम्युनिकेशन, रोबोटिक और ऑटोमेशन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, सरकारी और प्राइवेट जैसे क्षेत्रों में जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में छात्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, प्रोजेक्ट इंजीनियर, पावर सिस्टम इंजीनियर, रिसर्च और डेवलपमेंट इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन इंजीनियर, टेस्टिंग और कमीशनिंग इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन इंजीनियर, ऑटोमेशन इंजीनियर के पदों पर काम कर सकते हैं।
FAQs – Electrical Engineering Me Kitne Subject Hote hai
Question : Electrical Engineering में कितने Subject होते हैं?
Answer – आपको बता दें की Electrical Engineering में कई Subject होते हैं, लेकिन कुछ मुख्य सब्जेक्ट है जो इस प्रकार हैं – इलेक्ट्रिकल सर्किट थ्योरी, पावर सिस्टम, इलेक्ट्रिकल मशीनस, कंट्रोल सिस्टम, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल मेजरमेंट एंड इंस्ट्रुमेंटेशन, हाई वोल्टेज इंजीनियरिंग, माइक्रोप्रोसेसर्स एंड माइक्रोकंट्रोलर्स, रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स, इलेक्ट्रिकल ड्राइव्स एंड कंट्रोल, स्विचगियर एंड प्रोटेक्शन, सिग्नल्स एंड सिस्टम्स।
Question : Electrical Engineering में Elective Subject का चुनाव करना जरूरी होता है क्या?
Answer – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई सेमेस्टर वाइज होती है। कुछ समेस्टर में आपको Elective Subject का चुनाव करना होता है।
Question : इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद क्या-क्या बन सकते हैं?
Answer – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद आप पावर सिस्टम इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, ऑटोमेशन इंजीनियर, रोबोटिक्स इंजीनियर, टेस्टिंग और कमीशनिंग इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर और फील्ड इंजीनियर के तौर पर काम कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
दोस्तों, इस लेख में मैंने आपको Electrical Engineering me kitne subject hote hai इसकी जानकारी दी है। यदि आपके पास इससे संबंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न हो, तो आप हमें कमेंट कर के पूछ सकते हैं। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ में भी जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बारे में अधिक जानकारी मिल सके। हमारा यह लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।