Civil Engineering Me Kitne Subject Hote Hai: भारत में ऐसे कई लोग है जिनका सिविल इंजीनियर बनने का सपना होता है, लेकिन इस क्षेत्र में अधिक जानकारी न होने के कारण उन्हें शुरुआत में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। छात्रों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि सिविल इंजीनियर कैसे बने, इसमें कितने रूपए लगते हैं और किसी कलर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। ऐसे कई सवाल हैं जो उन्हें परेशान करते हैं। दोस्तों, इस लेख हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे। हम आपको स्टेप बाय स्टेप हर प्रक्रिया के बारे में बताएंगे, इसीलिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
सिविल इंजीनियरिंग क्या है
सिविल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप इमारतों, सड़कों, पुलों और बांधों जैसे ढांचों का निर्माण करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे ढांचे तैयार करना है जो हमारी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। सिविल इंजीनियरिंग का काम सिर्फ निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होता है कि ये ढांचे टिकाऊ और सुरक्षित हों। चाहे वो एक घर हो, जिसमें हम रहते हैं या फिर सड़कें, जिन पर हम यात्रा करते हैं, सभी में सिविल इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आइए जानते हैं कि सिविल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं।
सिविल इंजीनियर कैसे बनें
सिविल इंजीनियर बनने के लिए कई चरण होते हैं, जिनमें आपकी शिक्षा, एंट्रेंस एग्जाम और कॉलेज का चयन शामिल है।
प्राथमिक शिक्षा
सिविल इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको हाई स्कूल में विज्ञान (साइंस) विषय लेना होगा। कक्षा 10 के बाद, आपको कक्षा 11 और 12 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ का चयन करना होगा।
डिप्लोमा कोर्स
अगर आप 10वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, तो डिप्लोमा (पॉलिटेक्निक) कोर्स कर सकते हैं, जो तीन साल का होता है जबकि 12वीं के बाद डिप्लोमा 2 साल का होता है।
ग्रेजुएशन कोर्स
यदि आप 12वीं के बाद सीधे ग्रेजुएशन लेवल पर सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, तो आपको बी. टेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) या बी. ई. (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) की पढ़ाई करनी होगी, जो चार साल की होती है।
कॉलेज का चयन
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए आपको सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लेना होगा। सरकारी कॉलेज में दाखिला लेने के लिए आपको विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने होंगे, जो नेशनल और स्टेट लेवल पर आयोजित किए जाते हैं। इसी तरह यदि आप 12वीं के बाद ग्रेजुएशन लेवल पर सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, तो आपको IIT JEE Main, IIT Advanced और राज्य स्तर की परीक्षाएं जैसे UPSEE, WBJEE, VITEEE, MHT-CET, COMEDK UGET की तैयारी करनी होगी।
इसके अलावा, प्राइवेट कॉलेजों से इंजीनियरिंग करने के लिए आपके पास डायरेक्ट एडमिशन का विकल्प भी होता है, जिसके लिए कॉलेज द्वारा निर्धारित फीस देनी होती है। यदि आपने सरकारी कॉलेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया है लेकिन आपको वहां दाखिला नहीं मिल पाया है, तो आपको आपकी रैंक के आधार पर काउंसिलिंग प्रक्रिया के माध्यम से प्राइवेट कॉलेज में प्रवेश दिया जाता है लेकिन इसमें यह सुनिश्चित नहीं है कि आपको सिविल इंजीनियरिंग की ब्रांच ही मिले।
सिविल इंजीनियरिंग की फीस कितनी होती है
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स की फीस प्राइवेट कॉलेजों में प्रति सेमेस्टर लगभग 20,000 रूपए से अधिक होती है। ग्रेजुएशन लेवल पर सिविल इंजीनियरिंग की फीस प्राइवेट कॉलेजों में सालाना लगभग 1 लाख रूपए से अधिक होती है। इसके अलावा, यदि आपने काउंसिलिंग के माध्यम से एडमिशन लिया है तो स्कॉलरशिप मिलने के चांसेस काफी ज्यादा होते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर कॉलेज और विश्वविद्यालय की फीस उनके निर्धारित मानदंडों और प्रतिष्ठा पर निर्भर करती है।
Civil Engineering Me Kon Kon se Subject Hote Hai
सिविल इंजीनियरिंग में आमतौर पर कई विषय होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- मैथमेटिक्स
- फिजिक्स
- केमिस्ट्री
- इंजीनियरिंग मैकेनिक्स
- स्ट्रैंथ ऑफ मैटेरियल्स
- स्ट्रक्चरल एनालिसिस
- फ्लुएड मैकेनिक्स
- जिओ टेक्निकल इंजीनियरिंग
- ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग
- एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
- सर्वेइंग
- कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट
- कंकरीट टेक्नोलॉजी
- स्टील स्ट्रक्चर्स
- हाइड्रॉलिक्स एंड हाइड्रोलॉजी
ग्रेजुएशन लेवल पर civil engineering me kitne subject hote hai
ग्रेजुएशन लेवल (B.Tech) पर सिविल इंजीनियरिंग में कई विषय पढ़ाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष में छात्रों को विभिन्न अनिवार्य और वैकल्पिक (इलेक्टिव) विषयों का अध्ययन करना होता है। पहले वर्ष में सभी ब्रांचों जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के लिए कॉमन सब्जेक्ट होते हैं।
FAQs – Civil Engineering Me Kitne Subject Hote Hai
Question : Civil Engineering में कुल कितने Subject होते हैं?
Answer – आपको बता दें की Civil Engineering में कई Subject होते हैं, लेकिन कुछ मुख्य सब्जेक्ट है जो इस प्रकार हैं – मैथमेटिक्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग मैकेनिक्स, स्ट्रैंथ ऑफ मैटेरियल्स, स्ट्रक्चरल एनालिसिस, फ्लुएड मैकेनिक्स, जिओ टेक्निकल इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, सर्वेइंग, कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, कंकरीट टेक्नोलॉजी, स्टील स्ट्रक्चर्स, हाइड्रॉलिक्स एंड हाइड्रोलॉजी।
Question : Civil Engineering में Elective Subject का चुनाव करना जरुरी होता है क्या?
Answer – कई कॉलेज व यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई सेमेस्टर वाइज होती है। यहां आपको एक Elective Subject का चुनाव करना होता है।
Question : Elective Subject का क्या मतलब होता है?
Answer – Elective Subject जिसे Optional Subject भी कहा जाता है। ये आपके अनिवार्य सब्जेक्ट से बिल्कुल भिन्न होते हैं। जिनका उद्देश्य आपको अतिरिक्त ज्ञान प्रदान कराना होता है।
Question : सिविल इंजीनियरिंग के बाद क्या-क्या बन सकते हैं?
Answer – सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद आप साइट इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, टाउन प्लानर, पब्लिक वर्क्स इंजीनियर, क्वांटिटी सर्वेयर, प्रोजेक्ट मैनेजर, इंजीनियरिंग कंसलटेंट, गवर्नमेंट जॉब्स (यूपीएससी, एसएससी,जेई, पीडब्ल्यूडी) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
दोस्तों, इस लेख में मैंने आपको सिविल इंजीनियरिंग क्या है, सिविल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं फीस,कॉलेज और civil engineering me kitne subject hote hai के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है। यदि आपके पास इससे संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेंट कर के पूछ सकते हैं। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ में जरूर शेयर कीजिए ताकि उन्हें सिविल इंजीनियरिंग के बारे में अधिक जानकारी मिल सके। हमारा यह लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।
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